बैजनाथ की ऐतिहासिक भूमि से सांस्कृतिक पुनर्जागरण और स्थानीय विकास को मिला नया आयाम
बागेश्वर:– बैजनाथ भकुनखोला मैदान में तीन दिवसीय कत्यूर महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को किया। इस अवसर पर उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण विकास कार्यों की घोषणाएं करते हुए कहा कि कत्यूर महोत्सव केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत और सामाजिक विकास को गति देने वाला आयोजन है।
मुख्यमंत्री ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा कि यह भूमि कभी 7वीं सदी में कत्यूर वंश की राजधानी रही है, जिनका शासन न्यायप्रिय, सांस्कृतिक और स्थापत्य दृष्टि से अत्यंत समृद्ध था। उन्होंने कहा कि बैजनाथ मंदिर और कत्यूरी स्थापत्य कला, उत्तराखंड की पहचान हैं।
मुख्यमंत्री ने की निम्न घोषणाएं: क्षेत्र के विकास को मिलेगी नई दिशा
सीएम धामी ने इस अवसर पर निम्नलिखित घोषणाएं की:
- गरुड़ में नगरीय पेयजल योजना को स्वीकृति।
- इंटर कॉलेज गागरीगोल में विज्ञान वर्ग की मान्यता।
- चक्रवर्तेश्वर मंदिर में घाट, सभाकक्ष और सौंदर्यीकरण कार्य।
- के.डी. पांडेय रामलीला मैदान में टिनशेड का निर्माण।
- कत्यूर महोत्सव के लिए ₹2 लाख की धनराशि।
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कत्यूर महोत्सव: संस्कृति, पहचान और भविष्य का संगम
सीएम धामी ने कहा कि ऐसे आयोजन हमारी लोकसंस्कृति, परिधान, खानपान और विरासत को संजोते हैं। उन्होंने ‘केदारखंड से मानसखंड’ तक राज्य के धार्मिक स्थलों को पुनर्जीवित करने और पर्यटन से जोड़ने के प्रयासों की भी चर्चा की।
उन्होंने बताया कि माँ कोट भ्रामरी मंदिर और बैजनाथ धाम के विकास कार्य जारी हैं और राज्य सरकार पलायन को रोकने के लिए स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु प्रयासरत है।
पर्यटन और स्थानीय उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने बताया कि:
- एक जनपद, दो उत्पाद योजना से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिला है।
- हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड ने स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी।
- स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, और नई नीतियाँ स्थानीय विकास में मददगार।
- बागेश्वर के लिए शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा से पर्यटन को मिलेगा बल।
- रेल परियोजना का सर्वेक्षण पूर्ण, जल्द ही बागेश्वर रेल नेटवर्क से भी जुड़ जाएगा।
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इस अवसर पर उपस्थित केंद्रीय मंत्री श्री अजय टम्टा ने कहा कि ग्वालदम-बैजनाथ-बागेश्वर-मुनस्यारी-धारचूला-आदि कैलाश-पूर्णागिरि को जोड़ते हुए एक व्यापक पर्यटन सर्किट का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम में:-
- विधायक पार्वती दास
- कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया
- जिला पंचायत प्रशासक बसंती देव
- पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण
- जिलाधिकारी आशीष भटगाईं
- एसपी चंद्रशेखर आर. घोड़के
- सीडीओ आर.सी. तिवारी
- एडीएम ए.एस. नबियाल
- एसडीएम जितेंद्र वर्मा
और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कत्यूर महोत्सव उत्तराखंड की सांस्कृतिक चेतना, विरासत संरक्षण और स्थानीय विकास को एक साथ जोड़ने का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं और राज्य की योजनाओं से क्षेत्र को न केवल पहचान मिलेगी, बल्कि रोजगार, पर्यटन और सांस्कृतिक समृद्धि को भी नया आधार मिलेगा।